Comments (3)
29 Apr 2020 07:38 PM
चार दिन की ज़िंदगानी है हंस खेल के गुज़ार लो।
ख्व़ाहिशें सब पूरी हो कोई म़लाल ना पाल लो।
श़ुक्रिया !
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Author
30 Apr 2020 12:49 AM
आभार
सत्य विचार ।
धन्यवाद!