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अति सुंदर विश्लेषणनात्मक प्रस्तुति।
वर्तमान की त्रासदी यह है कि बिना किसी आधार के अनर्गल प्रचार करना एवं महापुरुषों एवं देवी देवताओं के चरित्र का हनन कर दुष्प्रचार करना लोगों का शौक बन गया है। इस प्रकार के तत्व हमारी संस्कृति एवं संस्कारों को दूषित करने का प्रयास कर रहे हैं।
हमें इनको मुंहतोड़ जवाब देकर उनके कुत्सित प्रयास को रोकना होगा। मैं आपका आभारी हूं क्या आपने विस्तृत रूप से अपने पक्ष को प्रस्तुत किया है।

धन्यवाद !

28 Apr 2020 11:04 AM

जय श्री कृष्ण जी,❤️
sir बहुत ache tarike से आपने सारे तथ्य रखे है,अब कलयुग है तो लोग हर किसी पर उंगली उठाते है.जिसने मन में जिसको भगवान। मान लिया वो इंसान कभी उसका अनादर नही करता.ये सब साजिशें कुछ अपने धर्म के नकली लोग ओर दूसरे धर्म के ऐसे प्रचार करते पर सच्चाई सब जानते है किसीको भगवान ऐसे ही नही कहा जाता उनका गुण उनका ज्ञान उनके लोक कल्याण के काम ही उनको भगवान बनाते है।

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