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26 Apr 2020 10:25 AM
ज़िंदगी का सफ़र अजीब है जिसकी इंतेहा में हमसफर रफ्त़ा रफ्त़ा फ़ना होते जाते है।
यहां जज्ब़ातों के खेल खेले जाते हैं और दिलों के फ़रेब में लोग फंसते देखे जाते हैं।
खुशी से मेहरूम आंसू ज़ब्त कर दर्द-ए-दिल के जाम पिये जाते हैं।
हर शख्स यहां अपनी अपनी शतरंजी चालों को चलकर कामयाबी हासिल करने की कोशिश किये जाते हैं।
दिल के ए़हसास को लोग फ़क्त अय्यारी और मोहब्बत को तिज़ारत बनाए जाते हैं।
झूठी कहानियों का दौर यहां चलता है और संग़ीन राज़ दफ़न किए जाते हैं।
ईमान की दुहाई देने वाले दोस्त यहां मिलते हैं जो दोस्ती के सीने में खुदगर्ज़ी का खंजर घोंप जाते हैं।
श़ुक्रिया !
कहानियाँ ” अफ़सोस” एवं ” मुस्कान लौट आई ” पर भी अपनी प्रतिक्रिया साझा करेंगे तो मुझे ख़ुशी होगी |