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“गुम्मा” है साहब ! …….सुंदर नपी तुली लघुकथा.
क्या बात है । सच को खूबसूरत तरीके से उजागर किया । क्या लेखन है ।
“गुम्मा” है साहब ! …….सुंदर नपी तुली लघुकथा.