महोदय आपने अपने काव्य में पुष्प की तुलना में स्त्री के नकारात्मक पक्षों को प्रस्तुत किया है। जबकि मूलतः स्त्री के सकारात्मक पक्षों कोमलता ,सुंदरता, सहनशीलता , सहृदयता, त्याग, समर्पण, शालीनता, पवित्रता, बुद्धिमता, प्रेम ,मातृत्व इत्यादि की उपेक्षा की है। जिन निहित गुणों से स्त्री को पुष्प से तुलना योग्य बनाती है।
कृपया स्त्री की तुलना नकारात्मक भावों को मानस पटल पर रख कर पुष्प से तुलना न करें।
महोदय आपने अपने काव्य में पुष्प की तुलना में स्त्री के नकारात्मक पक्षों को प्रस्तुत किया है। जबकि मूलतः स्त्री के सकारात्मक पक्षों कोमलता ,सुंदरता, सहनशीलता , सहृदयता, त्याग, समर्पण, शालीनता, पवित्रता, बुद्धिमता, प्रेम ,मातृत्व इत्यादि की उपेक्षा की है। जिन निहित गुणों से स्त्री को पुष्प से तुलना योग्य बनाती है।
कृपया स्त्री की तुलना नकारात्मक भावों को मानस पटल पर रख कर पुष्प से तुलना न करें।
समीक्षा एवम सुझाव हेतु आपका आभार श्रीमन।
सुधार का भरपूर प्रयास करुँगा।