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तेरी आँँखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है। ये उठेंं सुबह चले ये झुकें शाम ढले। मेरा जीना मेरा मरना इन्हीं पलकों के तले।
श़ुक्रिया !
आभार आदरणीय
तेरी आँँखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है।
ये उठेंं सुबह चले ये झुकें शाम ढले।
मेरा जीना मेरा मरना इन्हीं पलकों के तले।
श़ुक्रिया !
आभार आदरणीय