You must be logged in to post comments.
उनके हुस्न ए मुजस्स़िम का अस़र इस क़दर है। लगता है मुझे मेरे पांव ज़मी पर नही ये जन्ऩत की सहर है।
श़ुक्रिया !
उनके हुस्न ए मुजस्स़िम का अस़र इस क़दर है।
लगता है मुझे मेरे पांव ज़मी पर नही ये जन्ऩत की सहर है।
श़ुक्रिया !