हमारे देश की विडंबना यह है कि चंद फिरकापरस्त स्वार्थी तत्व अपने धर्म की दुकान चलाने के लिए लोगों को बरगला कर अपना उल्लू सीधा करते हैं। दीन और धर्म के नाम पर ये लोगों को बांटकर नफरत पैदा करते हैं । ये अपना ताल्लुक सियासतदानों से रखकर उनकी वोट बैंक सियासत का एक अहम हिस्सा बनते हैं।
इनकी मुहिम में आला सरकारी नौकरशाह भी शामिल हैंं । जो चंद पैसों की खातिर अवाम से गद्दारी करने से नहीं चूकते। ऐसे सभी तत्वों को जब तक खोज कर उन्हें समूल नष्ट नहीं किया जाता तब तक स्थिति में सुधार की संभावना करना बेकार सिद्ध होगा।
ये सभी तत्व देश के संकट में सहयोग के स्थान पर मुश्किलें ही ज्यादा पैदा करेंगे । अतः जनसाधारण को इनसे सावधान रहना चाहिए।
हमारे देश की विडंबना यह है कि चंद फिरकापरस्त स्वार्थी तत्व अपने धर्म की दुकान चलाने के लिए लोगों को बरगला कर अपना उल्लू सीधा करते हैं। दीन और धर्म के नाम पर ये लोगों को बांटकर नफरत पैदा करते हैं । ये अपना ताल्लुक सियासतदानों से रखकर उनकी वोट बैंक सियासत का एक अहम हिस्सा बनते हैं।
इनकी मुहिम में आला सरकारी नौकरशाह भी शामिल हैंं । जो चंद पैसों की खातिर अवाम से गद्दारी करने से नहीं चूकते। ऐसे सभी तत्वों को जब तक खोज कर उन्हें समूल नष्ट नहीं किया जाता तब तक स्थिति में सुधार की संभावना करना बेकार सिद्ध होगा।
ये सभी तत्व देश के संकट में सहयोग के स्थान पर मुश्किलें ही ज्यादा पैदा करेंगे । अतः जनसाधारण को इनसे सावधान रहना चाहिए।
धन्यवाद !
शुक्रिया सर बिल्कुल सही कहा आपने