Comments (4)
2 Apr 2020 03:24 PM
मुहब्बत को रुह में उतरने तो दो ……..
आपकी हर ग़ज़ल की तरह यह ग़ज़ल भी बेहतरीन है
Gautam Jain
Author
2 Apr 2020 10:31 PM
बहुत बहुत धन्यवाद
बेहतरीन ।
धन्यवाद