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क्यों हव़स का भूत सवार है सिर पर जो इंसा को व़हशी बना रहा है। कहां गया वो ज़मीरे आदमिय़त और खिलाफ़े ज़लाल़त कुर्ब़ानी का वो जज़्बा। अब तो इंतज़ार है मुझे उस चिंगारी का जो डाल दे जान इन ज़िंदा लाशों में। और थूक दे इस जहर को और फ़ैलने से पहले।
श़ुक्रिया !
सादर आभार
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क्यों हव़स का भूत सवार है सिर पर जो इंसा को व़हशी बना रहा है।
कहां गया वो ज़मीरे आदमिय़त और खिलाफ़े ज़लाल़त कुर्ब़ानी का वो जज़्बा।
अब तो इंतज़ार है मुझे उस चिंगारी का जो डाल दे जान इन ज़िंदा लाशों में।
और थूक दे इस जहर को और फ़ैलने से पहले।
श़ुक्रिया !
सादर आभार