Comments (2)
31 Mar 2020 11:21 PM
धड़कनों के जब तार जुड़े हैं।
तारों से इज़हार जुड़े है।
टूटे तार तो कैसे हो मेरा इज़हार।
कैसी रखूं जारी मैं प्रेम का व्यवहार।
धन्यवाद !
धड़कनों के जब तार जुड़े हैं।
तारों से इज़हार जुड़े है।
टूटे तार तो कैसे हो मेरा इज़हार।
कैसी रखूं जारी मैं प्रेम का व्यवहार।
धन्यवाद !
उसे ग़र एहमियत मालूम होती तेरे प्यार की… तुझे यूँ तन्हा ना कर जाता…. ऐ दिल ❤.
तू फिर उसके दामन मे जाने की कोशिश ना कर….ऐ दिल ❤
जाने फिर कोनसा तीर चलाये वो क़ातिल…!!
Heart touching ??