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15 Mar 2020 06:52 PM
यादों में बसे मीठे लम्ह़ों के सहारे ज़िंंदगी जी लेता हूं।
इस गमज़दा ज़िंदगी के चंद पलों को खुश़ग़वार बना लेता हूं ।
श़ुक्रिया !
PUNIT TRIPATHI
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15 Mar 2020 09:27 PM
सुंदर पंक्ति,
आपका सहृदय आभार
बहुत बहुत सुंदर पुनीतजी। मेरी रचना ईश्वर भी पढ़ें ।?