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मैंने रंग ली आज चुनरिया सजना तोरे रंग में। कितने जतन से रूप सजाया मैंने सजना। सोए हुए सपनों को फिर से जगाया मैंने सजना। मैं तो डूबी प्रेम रस में मैं नहीं अब अपने बस में। मैंने रंग ली आज चुनरिया सजना तोरे रंग में।
धन्यवाद !
मैंने रंग ली आज चुनरिया सजना तोरे रंग में।
कितने जतन से रूप सजाया मैंने सजना।
सोए हुए सपनों को फिर से जगाया मैंने सजना।
मैं तो डूबी प्रेम रस में मैं नहीं अब अपने बस में।
मैंने रंग ली आज चुनरिया सजना तोरे रंग में।
धन्यवाद !