आप की कथा देश में लचर कानून व्यवस्था पर कुठाराघात करती है। जिसमें दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई समय रहते ना करने और कानूनी दांवपेचों मे
कानून व्यवस्था उलझाए रखने जिससे न्याय प्रक्रिया में विलंब हो से न्याय प्रणाली पर लोगों का विश्वास उठता जा रहा है । इस प्रकार की नकारात्मकता जनसाधारण को कानून अपने हाथ में लेने के लिए बाध्य करती है जिससे देश में अराजकता का माहौल उत्पन्न हो रहा है शासन को इस विषय में गंभीरता से विचार कर इन सभी मुद्दों पर समीक्षा करनी चाहिए जिससे न्याय प्रणाली में व्याप्त विसंगतियों को दूर कर न्याय व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सके।
आप की कथा देश में लचर कानून व्यवस्था पर कुठाराघात करती है। जिसमें दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई समय रहते ना करने और कानूनी दांवपेचों मे
कानून व्यवस्था उलझाए रखने जिससे न्याय प्रक्रिया में विलंब हो से न्याय प्रणाली पर लोगों का विश्वास उठता जा रहा है । इस प्रकार की नकारात्मकता जनसाधारण को कानून अपने हाथ में लेने के लिए बाध्य करती है जिससे देश में अराजकता का माहौल उत्पन्न हो रहा है शासन को इस विषय में गंभीरता से विचार कर इन सभी मुद्दों पर समीक्षा करनी चाहिए जिससे न्याय प्रणाली में व्याप्त विसंगतियों को दूर कर न्याय व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सके।
धन्यवाद !
जी हां महोदय । धन्यवाद आपका इतनी सटीक प्रतिक्रिया व्यक्त करने हेतु ।
यह कहानी वास्तविक घटना पर आधारित है, जो संस्मरण रूप में लिखने की कोशिश की है ।