Comments (4)
6 Mar 2020 12:32 AM
जिस्म़ पर बने नश्त़र के जख्म़ वक्त गुज़रते भरते हैं ।
पर जो बनते जख्म़ दिलों पर वक्त गुज़रते गहराते हैं ।
श़ुक्रिया !
जिस्म़ पर बने नश्त़र के जख्म़ वक्त गुज़रते भरते हैं ।
पर जो बनते जख्म़ दिलों पर वक्त गुज़रते गहराते हैं ।
श़ुक्रिया !
बेहद खूबसूरत अल्फाजों में रिश्तों और दोस्ती के एहसास को सजाया है..
उम्दा पेशकश ??