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मेरा धर्म है प्रेम , जिसे मैंने धारण किया है ।
बाकी तो मुस्लिम , सीख , ईसाई ने , इस्लाम, सीख , ईसाई धर्म इख्तयार किया है ।
हिन्दू का तो कोई धर्म नहीं , हिन्दू तो जीवन यापन का तरीका था ।
पता नहीं किसने विविधता धर्म के नाम पर, इंसानियत का खात्मा किया ।
? धन्यवाद ?
वाह वाह क्या खूब कहा….!
मेरा धर्म है प्रेम ,
जिसे मैंने धारण किया है ।
बाकी तो मुस्लिम , सीख , ईसाई ने ,
इस्लाम, सीख , ईसाई धर्म इख्तयार किया है ।
हिन्दू का तो कोई धर्म नहीं ,
हिन्दू तो जीवन यापन का तरीका था ।
पता नहीं किसने विविधता धर्म के नाम पर,
इंसानियत का खात्मा किया ।
? धन्यवाद ?