Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Comments (2)

You must be logged in to post comments.

Login Create Account

मेरा धर्म है प्रेम ,
जिसे मैंने धारण किया है ।

बाकी तो मुस्लिम , सीख , ईसाई ने ,
इस्लाम, सीख , ईसाई धर्म इख्तयार किया है ।

हिन्दू का तो कोई धर्म नहीं ,
हिन्दू तो जीवन यापन का तरीका था ।

पता नहीं किसने विविधता धर्म के नाम पर,
इंसानियत का खात्मा किया ।

? धन्यवाद ?

25 Feb 2020 08:05 PM

वाह वाह क्या खूब कहा….!

Loading...