Comments (5)
13 Feb 2020 12:29 PM
बेहतरीन अतुकान्त कविता
अरशद रसूल बदायूंनी
Author
13 Feb 2020 12:33 PM
शुक्रिया
13 Feb 2020 11:44 AM
कुछ थी उनकी बंदिशें कुछ थे मेरे दायरे।
जब मुकद्दर ही बने दुश्मन तो कोई क्या करें ।
श़ुक्रिया !
अरशद रसूल बदायूंनी
Author
13 Feb 2020 12:17 PM
बहुत खूब, शुक्रिया
बेहतरीन