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कैसी चली है अबके हवा तेरे शहर में ।
बंदे भी हो गए खुदा तेरे शहर में ।
कुछ दुश्मनी का ढब है ना दोस्ती के तौर।
दोनों का एक रंग हुआ तेरे शहर में ।
श़ुक्रिया !

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