Comments (3)
1 Feb 2020 07:49 AM
रेत की दीवार हूं हाथ ना लगाओ मुझे
टूट कर बिखर जाऊंगा फिर ना उबर पाऊंगा।
श़ुक्रिया !
राहुल कुमार सागर बदायूंनी
Author
2 Feb 2020 12:41 AM
Umda janab.. Shukriya
उत्तम रचना जी. आप मेरी रचना ‘मौसम ने ली अंगड़ाई’ पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य साझा करें जी.