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जिंदगी इम्तिहान लेती है ।
बेबसों की जान लेती है ।
कोई खुशी से बेघर नहीं होता ।
मजबूरी के मारों के बस में कुछ नहीं होता ।
जिंदा रहने के लिए दो रोटी की तलाश इन्हें दर दर भटकाती है ।
इनकी मजबूरी इन्हें अपने गांव से दूर शहरों की तरफ ले जाती है ।

धन्यवाद !

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