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हमको तो जान से प्यारी है तुम्हारी आंखें । हाय काजल भरी मदहोश ये प्यारी आंखें । नरगिसी फूल है हंस हंस के खिली जाती हैं । नींद के बोझ से शरमा के झुकी जाती है । हमने देखी ना कहीं ऐसी तो कुंवारी आंखें । हाय काजल भरी मदहोशी ये प्यारी आंखें । धन्यवाद !
सुंदरतम्!–?
हमको तो जान से प्यारी है तुम्हारी आंखें ।
हाय काजल भरी मदहोश ये प्यारी आंखें ।
नरगिसी फूल है हंस हंस के खिली जाती हैं ।
नींद के बोझ से शरमा के झुकी जाती है ।
हमने देखी ना कहीं ऐसी तो कुंवारी आंखें ।
हाय काजल भरी मदहोशी ये प्यारी आंखें ।
धन्यवाद !
सुंदरतम्!–?