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31 Mar 2020 07:36 PM

Nice line हू ब हू अक्स तेरा उभरता गया।
रेत पर उंगलियाँ हम घुमाते रहे।।

वो जुदा क्या हुए ज़िंदगी खो गई ।
श़मा जलती रही ऱोशनी खो गई।
श़ुक्रिया !

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