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अब तो इंसानियत का कत्लेआम हो गया। दोस्त का दुश्मनी निभाना अब सरेआम हो गया।
श़ुक्रिया !
सही फरमाया ज़नाब…?
शुक्रिया…?
अब तो इंसानियत का कत्लेआम हो गया।
दोस्त का दुश्मनी निभाना अब सरेआम हो गया।
श़ुक्रिया !
सही फरमाया ज़नाब…?
शुक्रिया…?