Comments (4)
18 Jan 2020 01:05 AM
मेरी साँँसोंं में तुम हो मेरी धड़कन में तुम हो मेरे दिलो जिगर यहां तक कि मेरी रूह में तुम पाबस्ता हो।
श़ुक्रिया !
Jyoti shrivastava
Author
17 Jul 2021 08:47 AM
बहुत शुक्रिया
उत्तम रचना जी. आप मेरी रचना ‘मौसम ने ली अंगड़ाई’ पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य साझा करें जी.
जी अवश्य