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तेरा अख़लाक़ तेरी वफ़ादारी है ।
तुझे जो भी म़य़स्सर है तेरे मुक़द्दर से है ।
ना समझ खुद को अद़ना तू तेरी श़ोहरत तेरे अज़ीज़ों मे बहुत है।
श़ुक्रिया !

15 May 2020 07:25 PM

वाह बेहद शानदार भैय्या जी

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