Comments (5)
28 Dec 2019 11:21 PM
तुम ही मेरी इब्ति़दा हो। तुम ही मेरी इन्तेहा हो।
तुम ही मेरी रू़ह का क़रार हो ।
27 Dec 2019 11:16 PM
तुम ही मेरी आदि और तुम्ही मेरा अंत हों !
पूर्णविराम शाँति !
Diwakar Mahto
Author
28 Dec 2019 08:50 PM
क्या बोलना चाहते हैं ।मैं तुछ समझ नहीं पा रहा हूँ
27 Dec 2019 11:30 AM
?
बहुत ही खूबसूरत रचना। मेरी रचना साथी तेरा साथ का अवलोकन कर वोट करने की कृपा करें।