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सत्यवचन जो सुख घर पर है । वह किसी भी आलीशान सुख सुविधायुक्त महल मे नही मिल सकता धन से सुख सुविधाएँ खरीदी जा सकती हैं। पर बेफ़िक्र चैन की नींद नही खरीदी जा सकती। मानव सम्वेदनायुक्त आपकी कथा सामयिक यथार्थ को प्रकट करती है। धन्यवाद !
सत्यवचन जो सुख घर पर है । वह किसी भी आलीशान सुख सुविधायुक्त महल मे नही मिल सकता
धन से सुख सुविधाएँ खरीदी जा सकती हैं। पर बेफ़िक्र चैन की नींद नही खरीदी जा सकती।
मानव सम्वेदनायुक्त आपकी कथा सामयिक यथार्थ को प्रकट करती है।
धन्यवाद !