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मरीज़ ए म़ोहब्बत उन्हीं का फ़साना सुनाता रहा दम़ निकलते निकलते । श़ुक्रिया !
मरीज़ ए म़ोहब्बत उन्हीं का फ़साना सुनाता रहा दम़ निकलते निकलते ।
श़ुक्रिया !