You must be logged in to post comments.
क्यों मुझे लगने लगा है कि तुम मुझमे समायी हो या मै तुम मे समा सा गया हू्ँ। यही ए़हसासे इश़्क की पहचान है। इज़हारे ए़़हसास का श़ुक्रिया!
अरे वाह , कमेंट का शुक्रिया !
क्यों मुझे लगने लगा है कि तुम मुझमे समायी हो या मै तुम मे समा सा गया हू्ँ।
यही ए़हसासे इश़्क की पहचान है।
इज़हारे ए़़हसास का श़ुक्रिया!
अरे वाह , कमेंट का शुक्रिया !