Comments (4)
18 Oct 2019 01:13 PM
Karwa chouth Nari-asmita ke khilaf jai
Isla gungaan theek nahin
डी. के. निवातिया
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18 Oct 2019 01:18 PM
आदरणीय श्यामकुमार हरदहा जी बहुत बहुत धन्यवाद आपका,…………………. मै आपका आशय समझ नहीं पाया !!
करवा चौथ
करा लिए चरण स्पर्श?
करा लिए पूजा स्वयं की?
अहं तुष्ट और अभिमान पुष्ट हो गया
पुरुषों!
तुम्हारी इसी विषम-दुर्भावना ने
समानता को धता बताया है
और नारियों!
तुम चांद देखने तक ही सिमटी रहोगी?
या कभी
चांद तक पहुंचने का यत्न भी करोगी?
आदरणीय श्यामकुमार जी, प्रेम और सौहार्द्य के प्रतीक सामाजिक विचारो की अनुभूति को प्रकट करना है, इसे तुलनात्मक कसौटी पर रखकर कवित्त भाव की अवहेलना न करे ! ऐसा कोई मंतव्य नहीं है, और लेखन हर विषय पर किया जा सकता है, नकारात्मक या सकारात्मक व्यक्तिगत विचारशीलता पर निर्भर करता है !