Comments (7)
9 Oct 2019 10:31 AM
Baat aapki sahi hai. Vastav me ye ritu parv hain. Kahani baad me jod di gai hain.
मधुसूदन गौतम
Author
9 Oct 2019 08:16 PM
जी धन्यवाद आदरणीय।मेरी सोच लीक से हटकर ही चलती है। किसी को पसन्द आये या न आये।। पर मेरा नज़रिया हर चीज़ को देखने का अलग ही होता है।इसीलिये मेरी पोस्ट को बहुत कम लोग कमेंट करते है। क्यो की आप जैसे प्रबुध्द लोग कम ही है जो विचारों की तह तक जाते है। अन्यथा तो आप जानते ही है ,साहित्यपीडिया पर हज़ारों में लाइक व्यू मिलने वाली रचनासो में क्या विशेष होता है।
9 Oct 2019 08:29 PM
Bilkul sahi sir
8 Oct 2019 10:24 AM
जय सियाराम
विजयादशमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ
मधुसूदन गौतम
Author
8 Oct 2019 12:19 PM
जय श्री राम
Mudha ji ka lekhan Shandaar hai. kripya unki rachnaayen jaroor padhen
जी