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Comments (17)

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29 May 2022 01:34 PM

बेहतरीन!

23 May 2022 08:15 PM

mazedar..!

16 Apr 2022 11:37 PM

Bahut khub

9 Dec 2019 09:25 PM

??बेहतरीन!

बहुत सुंदर प्रस्तुति।

याद है अब भी मुझे, हुनरे-गुफ़्तगू उसका,
आँखों-आँखों मेँ ही,वो दिल की बात कह देगा।
बहुत खूब

12 Sep 2019 10:32 AM

अत्यंत सुंदर रचना जिसमे तमाम बारीकियों की करीने से पेशगोई की गई है।

?तह-ए-दिल से शुक़्रिया,अमित जी!

11 Sep 2019 06:57 PM

Wah wah

?शुक़्रिया!

सुभानअल्लाह

तह-ए-दिल से शुक़्रिया डा0 नित्यानन्द!

11 Sep 2019 01:29 PM

Wah wah…

शुक़्रिया,धन्वन्तरि!

11 Sep 2019 01:09 PM

Wah… ??

शुक़्रिया!

This “ghazal” was written on 10/09/2019

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