Comments (17)
23 May 2022 08:15 PM
mazedar..!
16 Apr 2022 11:37 PM
Bahut khub
9 Dec 2019 09:25 PM
??बेहतरीन!
15 Sep 2019 09:15 AM
बहुत सुंदर प्रस्तुति।
14 Sep 2019 10:48 AM
याद है अब भी मुझे, हुनरे-गुफ़्तगू उसका,
आँखों-आँखों मेँ ही,वो दिल की बात कह देगा।
बहुत खूब
12 Sep 2019 10:32 AM
अत्यंत सुंदर रचना जिसमे तमाम बारीकियों की करीने से पेशगोई की गई है।
12 Sep 2019 11:58 AM
?तह-ए-दिल से शुक़्रिया,अमित जी!
11 Sep 2019 06:57 PM
Wah wah
11 Sep 2019 06:59 PM
?शुक़्रिया!
11 Sep 2019 02:06 PM
सुभानअल्लाह
11 Sep 2019 07:01 PM
तह-ए-दिल से शुक़्रिया डा0 नित्यानन्द!
11 Sep 2019 01:29 PM
Wah wah…
11 Sep 2019 07:01 PM
शुक़्रिया,धन्वन्तरि!
11 Sep 2019 01:09 PM
Wah… ??
11 Sep 2019 07:01 PM
शुक़्रिया!
11 Sep 2019 01:02 PM
This “ghazal” was written on 10/09/2019
बेहतरीन!