Comments (2)
23 Sep 2019 05:39 PM
Wpw पाने को दीदार ए यार ,चलते गए।
पता ही ना चला , खा़र ए राह बन गए गुल कब।
तेरी रहगुज़र से………।
Wpw पाने को दीदार ए यार ,चलते गए।
पता ही ना चला , खा़र ए राह बन गए गुल कब।
तेरी रहगुज़र से………।
उत्तम रचना जी. आप मेरी रचना ‘मौसम ने ली अंगड़ाई’ पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य साझा करें जी.