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12 Jan 2020 05:28 PM

आपकी लेखनी को सलाम ।

30 Jun 2019 04:45 PM

शब्द तो गुनगुनाते है
वो चाहे होंटो पे हसी हो,
या फिर उनपे दर्द समंदर
लेकिन शब्द तो आखिर गुनगुनाते है।
बहुत ही सुंदर रचना
सादर चारणस्पर्श

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