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30 Jun 2019 04:45 PM
शब्द तो गुनगुनाते है
वो चाहे होंटो पे हसी हो,
या फिर उनपे दर्द समंदर
लेकिन शब्द तो आखिर गुनगुनाते है।
बहुत ही सुंदर रचना
सादर चारणस्पर्श
शब्द तो गुनगुनाते है
वो चाहे होंटो पे हसी हो,
या फिर उनपे दर्द समंदर
लेकिन शब्द तो आखिर गुनगुनाते है।
बहुत ही सुंदर रचना
सादर चारणस्पर्श
आपकी लेखनी को सलाम ।
साधुवाद