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29 Nov 2018 09:31 PM

सुन्दर रचना।। मेरी रचना “माँ!!!” पसंद आये तो vote देकर कृतार्थ करें।

सुंदर लिखा आप ने,मेरी रचना को भी वोट दे

28 Nov 2018 09:07 AM

आप भी इस प्रतियोगिता में शामिल होईए और कृपया आप मेरी कविता पर अपना वोट करिएगा ।

आदरणीय मूँधड़ा जी, अति सुंदर रचना!
मेरी रचना “माँ का आँचल” का भी अवलोकन करें और यदि सही लगे तो मुझे कृपया वोट दे कर कृतार्थ करें।
सधन्यवाद!

28 Nov 2018 10:31 AM

जो अपना है अपने में है,
जो कण-कण में है विद्यमान,
वह नित्यप्राप्त, सर्वत्र-व्याप्त,
अनुभूति ‘हरि’ केवल प्रमाण |

रचनाकारों ने अनुभूति के आधार पर माँ पर रचनाएँ की है | जिनका माँ के प्रति समर्पण जितना गहरा है उनकी रचनाएँ उतनी ज्यादा हृदय को छूती है | आपकी अनुभूति जो रचना के रूप में साकार हो रही है उसको मेरा प्रणाम एवं
मेरा एक वोट इसी रचना के नाम |

28 Nov 2018 08:07 AM

बहुत सुंदर

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