Comments (4)
25 Nov 2018 06:12 PM
बहुत अच्छा लिखा है जी
25 Nov 2018 10:02 AM
बहुत सुंदर कविता
25 Nov 2018 09:55 AM
सुंदर कुंडलिया छंद साथ ही बघेली अनुवाद… लेखनी को नमन……मेरी रचना मां लोगों के बोल हैं पर भी दृष्टिपात करें सादर और अपना स्नेह रूपी वोट जरूर करें सादर नमन
आदरणीय “कौशल”जी, अति सुंदर रचना।
मेरी रचना “माँ का आँचल” का भी अवलोकन करें और यदि सही लगे तो वोट कर कृतार्थ करें।
सधन्यवाद!