Comments (4)
25 Nov 2018 03:16 PM
अच्छी ग़ज़ल हुई है।
मतला और मक़्ता दोनों लाज़वाब हैं।
5वे मिसरे की बहर चेक कर लें, लय में कुछ बाधा आ रही है।
मुबारकबाद।
Dr Archana Gupta
Author
10 Dec 2018 07:20 PM
जी शुक्रिया
23 Nov 2018 07:59 PM
सुंदर कविता हेतू बधाई मेरी रचना पर दृष्टिपात करें सादर अच्छी लगे तो कविता को अपना अमूल्य वोट जरूर करें सादर नमन
सुप़भात अ़ जी अच्छा लिखी है और काफी उपलब्धि भी हासिल की है आप से पंभावित हू आप की कान्टेक्ट नम्बर