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21 Nov 2018 08:54 PM

सुंदर।

21 Nov 2018 01:43 PM

Bahut Acha ji

‘होंठों पे ताले डाल आंसुओं ने उठाया बवाल है’ और अंतिम पंक्तियों में अलग सा आभास है महोदया।
बहुत आनंद आया।

21 Nov 2018 01:29 PM

शुक्रिया

18 Nov 2018 09:29 PM

बहुत सुंदर

18 Nov 2018 09:31 PM

शुक्रिया

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