Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Comments (14)

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
14 Sep 2019 07:32 PM

चहकती चिड़ियों सा, मधुर संगीत सुनाते हैं ।
महकते फूलों सी, सदा खुशियाँ बिखराते हैं ।।

14 Sep 2019 07:38 PM

सादर आभार आदरणीय जी ।

18 Jun 2019 09:39 PM

बहुत सुंदर रचना, बधाई

19 Jun 2019 12:11 PM

सादर आभार आदरणीय जी ।

27 Nov 2018 12:20 PM

बहुत सुंदर रचना हैं आपकी mam

30 Nov 2018 11:13 PM

सादर आभार जी ।

गज़ब की अविब्यक्ति?।

15 Nov 2018 10:12 AM

बाकि तो पता नहीं जी अपने देश की और देश की सेवा करने वाले फ़ौजी का सम्मान करना हमारे खून में है क्योंकि हम उस कौम से सम्बन्ध रखते हैं जो देश की रक्षा के लिए जान देने को हर क्षण तैयार रहती है ।

भई वाह, के बात कर दी रे छोरी तने। दिल जीत लई।।
गर यो जज़्बा सारे कुनबे ने हो जावे ना तो बस न्यू समझ ले कि म्हारी देश की मिट्टी तो क्या उरे की हवा भी कोई न ले जा सके है।?।।
ले फिर म्हारा भी 77वां मत, हक़ से।।

14 Nov 2018 01:03 PM

Nice

14 Nov 2018 01:09 PM

सादर आभार जी ।

Loading...