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Comments (8)

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14 Sep 2019 07:33 PM

Wow माना हम पत्थर हैं तो पत्थर ही सही ।
पर रोज-रोज अपना रूप बदलते नहीं हैं ।।

14 Sep 2019 07:37 PM

सादर आभार आदरणीय जी ।

14 Nov 2018 06:38 PM

आपकी रचना में भार क्रम की कमी है आदरणीया,,, किसी अच्छे ग्रुप में जुड़िये आप सिद्ध हस्त बन जाएंगी,,,
भाव पक्ष बहुत मजबूत है,,,

14 Nov 2018 08:53 PM

बस जो भाव मन में आता है लिख देती हूँ जी ज्यादा समझ नहीं है मुझे,आप ही मेरा मार्गदर्शन कीजिये आदरणीय जी

13 Nov 2018 07:34 PM

वाह जी

13 Nov 2018 09:05 PM

सादर आभार जी ।

10 Nov 2018 02:43 PM

बहुत सुंदर …पत्थर की तो बहुत महिमा है जी

10 Nov 2018 03:09 PM

सादर आभार जी ।

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