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यकीनन, पर अन्यथा न लें यहां विश्वास या अविश्वास का प्रश्न नही अपितु पहल करने की बात है, और हम फ़ौजियों को पहल करने की मनाही है।।?।।
नेह मिले या वार मिले, हर पहल तेरा स्वीकार हमें। पर मातृभूमि पर शीश चढ़ाने, का पहला अधिकार हमें।।
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यकीनन, पर अन्यथा न लें यहां विश्वास या अविश्वास का प्रश्न नही अपितु पहल करने की बात है, और हम फ़ौजियों को पहल करने की मनाही है।।?।।
नेह मिले या वार मिले, हर पहल तेरा स्वीकार हमें।
पर मातृभूमि पर शीश चढ़ाने, का पहला अधिकार हमें।।
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