जज़्बों की आग लिये जीता हूँ ।अपने पर ए़हतम़ाद है मुझे मुश्किलों से लड़कर जीतूँगा। दूसरों के ग़म का भी ए़हसास है मुझे।क्या खाक समझेंगे ये म़ुर्दाद़िल मुझे मै तो ज़िन्दादिली से ज़िन्दगी जीता हूँ । श़ुक्रिया !
You must be logged in to post comments.
जज़्बों की आग लिये जीता हूँ ।अपने पर ए़हतम़ाद है मुझे मुश्किलों से लड़कर जीतूँगा। दूसरों के ग़म का भी ए़हसास है मुझे।क्या खाक समझेंगे ये म़ुर्दाद़िल मुझे मै तो ज़िन्दादिली से ज़िन्दगी जीता हूँ ।
श़ुक्रिया !