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आदरणीय प्रिय मित्र! आपके इस माँ के रचना के प्रति मैं नतमस्तक हूँ ! आप निश्चय ही काव्य गंगा के भागीरथ है! नमन उसे माँ को जिसने ऐसे पुत्र को जन्म दिया!

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