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वा क्या बात है पुरुषी समाजव्यवस्था को आईना दिखाती एक लाजवाब खूबसूरत रचना, पुरुषी मानसिकता की आँखों के अहम् के परदों को तार तार करती एक परिवर्तनीय कलम 🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌷🌷🌷

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28 Sep 2022 12:31 PM

बहुत बहुत आभार शेखर जी 🙏🙏🙏 आप जैसे प्रगतिशील सोच वाले लोगों की बहुत जरूरत है इस समाज को 🙏🙏🙏

जी धन्यवाद..! बस समाजपरिवर्तन का एक कतरा भी बने तो हमारा जीवन सफल होगा हर व्यक्ति की सोच में बदलाव लाना जरुरी है 🙏🙏🙏

28 Sep 2022 12:54 PM

बहुत हीं उम्दा सोच है आपकी ये सौभाग्य है हमारा की आप जैसे लेखकों का साथ मिला मुझे 🙏🙏🙏

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