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एक शब्द में बोलु तो निःशब्द…! ना आगे कुछ बोल सकता हूँ.. ना आगे कुछ लिख सकता हूँ.. इस रचना के बारे में और ज्यादा लिखना इस सृजन के अल्फाज़ो के साथ बेईमानी होगी.. निःशब्द निःशब्द 👍👍👍💐💐💐

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15 Sep 2022 12:13 AM

बहुत बहुत आभार शेखर जी.. निशब्द तो आपकी रचनाएँ करतीं हैं मुझे, गहन सोच और यथार्थपूर्ण लेखनी है, आपकी.. ऐसे हीं सदैव अपनी सोच को शब्दों में पिरोते रहें और हमारी प्रेरणा स्रोत बने 🙏🙏🙏

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