Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings

‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ बहोत ही अंतर्मुख करती रचना बस उस माँ की भी कुछ मज़बूरी रही होगी आखिर वो भी स्त्री है 👍👍👍💐💐💐

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
23 Aug 2022 05:58 PM

उस माँ की भी कुछ मज़बूरी रही होगी आखिर वो भी स्त्री है, मै आपकी इस बात से बिल्कुल सहमत हूँ 👍🏻,पर आजकल मजबूरी के कारण ऐसी संख्या ना के बराबर होती है जबकि ज्यादा संख्या शौकिया होते है। रचना पर अपने विचार रखने के लिए तहे-दिल बहुत-बहुत धन्यवाद 💐💐🙏🏻🙏🏻

Loading...