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इस गझल का हर शेर अपने आप में एक पूरी दास्ताँ है। वह भाई यूँही ताज नाम नही आपका

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4 Jul 2022 04:19 PM

आप ऐसा समझते है क्योंकि आप खुद बहुत उम्दा लिखते है। शुक्रिया

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