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वन्दनीय ..भावपूर्ण .. सार्थक सृजन .. आदरणीय
— “पिता” विषय पर मेरी मौलिक रचना “पिता महज एक व्यक्ति नहीं है” को अपना स्नेहाशीष प्रदान करें ।
कविता पर पहुंचकर प्रथम उसे भावपूर्ण होकर जरूर पढ़े, तद्नुरूप like & comment करें ।

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7 Jun 2022 04:33 PM

प्रियजन आपकी रचना को पढ़ा ही नहीं बल्कि अपने ह्रदय में भी विशेष जगह दी है। पिता सच्च में कायनात है पूरी दूनिया है ।
कृपा अगर नहीं पढ़ी है तो”मेरा गुरूर है पिता”रचना पढ़कर कृतार्थ करें।

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