Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings

आपके द्वारा प्रेषित रचना विचारणीय है, सबसे अच्छा “विनोद”सीखा मत पाठ यहाँ तूँ तुझसे ही ये उलझ जाएंगे यह पंक्ति हैं, क्यों कि झूठी तारीफे मानव की वाहवाही है सच्ची बातें मानव की नाराजगी है।

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
7 Jun 2022 01:42 PM

सही लिया सर आपने शब्दों को।
प्रोत्साहन बढ़ाने वाले शब्दों के लिए आपका बहुत बहुत आभार ।

Loading...