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18 May 2022 03:01 PM

बेहद सुंदर कविता। एकदम शाश्वत से साक्षात।जय हो आपकी। मेरी भी कविता वो कोई और नहीं पिता है और पिता रूप एक स्वरूप अनेक पर अपना आशीर्वाद और आशीष प्रदान करने की कृपा करें

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हार्दिक धन्यवाद सर

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